वायलेट जेसप उन चुन्दिदा लोगो में से है जिन्होंने एक या एक से ज्यादा जहाजो को अपनी आँखों से डूबता हुए देखा है | जेसप ने वैसे तो कई जहाजो पे नर्स के तौर पे काम किया था पर वह इकलौती ऐसी नर्स थी जिन्होंने एक ही तरह के तीन जहाजो पे काम किया था |
वायलेट जेसप उन चुन्दिदा लोगो में से है जिन्होंने एक या एक से ज्यादा जहाजो
को अपनी आँखों से डूबता हुए देखा है | जेसप ने वैसे तो कई जहाजो पे नर्स के तौर पे
काम किया था पर वह इकलौती ऐसी नर्स थी जिन्होंने एक ही तरह के तीन जहाजो पे काम
किया था |
वायलेट कॉन्स्टेंस जेसप का जन्म 2 अक्टूबर 1887 को अर्जेंटीना में हुआ था |
उनके माता पिता आयरिश थे और काम के लिए अर्जेंटीना आये थे | वायलेट अपने भाई बहनों
में सबसे बड़ी थी | जब वह करीब 10 साल की तो उनमें टी.बी के लक्षण पाए गए थे, जिसके
बाद वह काफी बीमार हो गयी और डॉक्टर ने उनका बचना मुश्किल बताया, परन्तु उन्होंने बीमारी का
डट कर सामना किया और ठीक हो गयी | उनका बचपन अपने छोटे भाई बहनों की देख रेख करने
में ही गुजर गया |
जब वह 16 साल की थी तब उनके पिता का निधन हो गया और वह अपने पुरे परिवार के
साथ इंग्लैंड चली गयी | यहाँ उनकी माँ एक जहाज पे लोगो को खाना देने व उनकी देख
रेख करने का काम करती थी | जेसप ने भी अपने माँ के नक़्शे कदम पे चलते हुए इसी काम
को शुरू किया | 21 साल की उम्र में उन्होंने रॉयल मेल लाइन्स में अपने पहले समुद्री सफ़र पे
काम किया |
सन 1910 में उन्होंने आरएमएस ओलिंपिक में काम करना शुरू किया जो की एक सफ़ेद
रंग का बड़ा सा जहाज था | ओलिंपिक अपने समय का सबसे बड़ा जहाज था जिसमें की सबसे
ज्यादा लोगो को आराम से ठेराया जा सकता था | 11 सितम्बर को ओलिंपिक साउथअम्पटन से
निकला था जो की कुछ देर बाद ही पानी में लगी हुईं माइन से जाके टकरा गया जिस वजह
से जहाज में काफी नुकसान हुआ पर जहाज को वापिस ले आया गया और सभी लोगो को सही
सलामत बचा लिया गया |
इस घटना के कुछ समय बाद ही उन्होंने आरएमएस टाइटैनिक में काम शुरू कर दिया |
काम शुरू करने बाद चौथे दिन ही टाइटैनिक एक बड़े से बरफ के चट्टान से टकरा गया और
जहाज को काफी नुकसान हुआ | जिस वजह से जहाज जो समुन्द्र में ही खली करना पड़ा और
लोगो को छोटी छोटी नावो से पानी में उतरा गया और वापिस सुरक्षित लाया गया | जब यह
घटना हुई तब वह सिर्फ 24 साल की थी |
इसके बाद पहले विश्व युध में उन्होंने इंग्लैंड के रेड क्रॉस जहाज पे काम किया
| जिसके बाद उन्होंने आरएमएस ब्रिटानिक में काम शुरू कर दिया | 21 नवम्बर 1916 को
एक हादसे में पूरा जहाज समुन्द्र में नष्ट हो गया जिसके चलते 30 लोग मारे गए |
बाकि बचे हुए यात्रियों को सुरक्षति बचा लिया गया |
इन सब घटनाओ के बाद भी उन्होंने अपना काम जरी रखा | वर्ष 1950 में वह रिटायर
हो गयी | इस बीच उन्होंने कई और जहाजो पे भी काम किया | 1971 में दिल के दौरे के
कारण उनकी मृतु हो गयी |
उनके अपने जीवन में इन
तीन बड़े जहाजो से बिना डूबे वापस अपने के लिए उन्हें “Miss. Unsinkable” भी कहते
है |
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