अभी यह मशीन सिर्फ पानी की बोतलें नष्ट करने के लिए तैयार की गयी है पर जल्दी ही इसमें थोड़े बदलाब करके इसमें और भी तरह की बोतल नष्ट की जा सकेंगी | हाल ही में दक्षिण पश्चिमी रेलवे के बेंगलुरु डिवीज़न ने इस अपने चार स्टेशनों पे शुरू किया है जिसमें की KSR सिटी स्टेशन, छावनी स्टेशन, क्रिश्नाराज्पुरम स्टेशन और येश्वन्तपुर स्टेशन पे शुरू किया है | इस मुहीम को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन शुरू किया गया | इस मुहीम के बाद स्टेशनों पर पानी की खाली बोतल दिखना कम हुई है और साथ में सफाई का स्तर भी बड़ा है |
पल्स्टिक जितना हमे सहूलियत प्रदान करती है उतना ही हमारे पर्यावरण को नुकसान
पहुंचती है | आज के युग में हर छोटे बड़े काम में प्लास्टिक का प्रयोग होता ही है
जिस कारण पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है | एक बात जो सबसे ज्यादा परेशान करने
वाली है वो यह है की इसको नष्ट नहीं किया जा सकता है, या तो पुनः प्रयोग में लिया
जा सकता है या फिर पुनर्नवीनीकरण करके प्रयोग किया जा जकता है |
प्लास्टिक की सबसे बड़ी बात यह है की यह हमारे जीवन में अपनी जगह बना चूकी है
अब चाहे कितना भी छोटा काम क्यों न हो हमे प्लास्टिक की जरुरत पड़ जाती है जैसे की
प्लास्टिक ही बोतले | हम जहाँ भी जाते है यह बोतल हमारे साथ ही जाती है | इनमें
कुछ अच्छी प्लास्टिक की होती है और कुछ थोड़ी बेकार प्लास्टिक की |
हम में से अधिकतर लोग अच्छी बोतलो को रख लेते है और ख़राब वाली को फ़ेंक देते है
और यह समस्या ज्यादातर सार्वजनिक स्थानों पे आती है जैसे की रेलवे स्टेशन, बस
स्टेशन | इन बोतलो की समस्या को दूर करने के लिए हाल ही में रेलवे ने एक सशक्त कदम
उठाया है | रेलवे ने एक प्राइवेट कंपनी के साथ मिल के एक मशीन तैयार की है जिसमें
की बोतल को डालने पर उसके टुकड़े टुकड़े हो जाते है |
अभी यह मशीन सिर्फ पानी की बोतलें नष्ट करने के लिए तैयार की गयी है पर जल्दी
ही इसमें थोड़े बदलाब करके इसमें और भी तरह की बोतल नष्ट की जा सकेंगी | हाल ही में
दक्षिण पश्चिमी रेलवे के बेंगलुरु डिवीज़न ने इस अपने चार स्टेशनों पे शुरू किया है
जिसमें की KSR सिटी स्टेशन, छावनी स्टेशन, क्रिश्नाराज्पुरम स्टेशन और येश्वन्तपुर
स्टेशन पे शुरू किया है | इस मुहीम को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन शुरू किया गया |
इस मुहीम के बाद स्टेशनों पर पानी की खाली बोतल दिखना कम हुई है और साथ में सफाई
का स्तर भी बड़ा है |
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