श्याम सरन नेगी एक नाम ही नहीं बल्कि एक मिसाल है | वह आजाद भारत के पहले मतदाता थे | उन्होंने आजाद भारत का पहला मत दिया था और तब से आज तक वह हमेशा अपना मत का प्रोयोग चुनाव में करते आ रहे है |
श्याम सरन नेगी एक नाम ही नहीं बल्कि एक मिसाल है | वह आजाद भारत के पहले
मतदाता थे | उन्होंने आजाद भारत का पहला मत दिया था और तब से आज तक वह हमेशा अपना
मत का प्रोयोग चुनाव में करते आ रहे है |
श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई सन 1917 में हिमाचल प्रदेश के कालपा शहर में
हुआ था | उनका जन्म ऐसे वक्त हुआ था जब भारत में आजादी की जंग अपने चरम पे थी और
हर तरफ आजादी के लिए आंदोलन चलाये जा रहे थे | वह इन सब चीजों को देकते देकते ही
बड़े हुए | और 15 अगस्त 1947 को वो दिन आ ही गया जब भारत अंग्रेजी शासन से आजाद हो
गया |
भारत के आजाद होते ही पुरे देश में ख़ुशी का माहोल था | उसके बाद आजाद भारत को तरक्की
की राह पे ले जाने की कोशिशे होने लगी और इसी राह में एक कदम था भारत में आम चुनाव
कराना | आजाद भारत में पहले आम चुनाव फरवरी 1952 में पुरे देश को होने थे | परन्तु
यह आजादी के बाद पहले चुनाव थे तो सभी चाहते थे की पुरे देश में जितने भी लोग मत
डालने के योग्य है वह सभी अपने मत का प्रयोग करे |
हिमाचल प्रदेश के मौसम को देखते हुए, जहाँ फरवरी में भरी बरफ्वारी की आशाएं
जताए जा रही थी | भारतीय निर्वाचन आयोग ने हिमाचल में 6 महीने पहले चुनाव करने का
फैसला किया | जिस वजह से हिमाचल के लोगो को आजाद भारत में सबसे पहले अपने मत
प्रोयोग करने का मौका मिला | हिमाचल में सबसे पहले अपना मत का प्रोयोग करने वाले
व्यक्ति थे श्याम सरन नेगी |
इसके बाद तो वह हमेशा ही चुनाव में बड़ चढ़ कर भाग लेते थे | पेशे से वह एक विधालय
में शिक्षक थे | इसी साल जुलाई में उन्होंने अपने 100 वर्ष पुरे किये है और वह 2019
में फिर से अपने मत का प्रयोग करने के लिए तयार है |
2010 में, भारतीय निर्वाचन आयोग के कमिश्नर नविन चावला ने उनके गाँव जाकर
निर्वाचन आयोग की डायमंड जुबली (Diamond Jubilee) होने पर उन्हें सम्मानित किया |
नेगी जी ने बॉलीवुड की फिल्म सनम रे में भी एक खास झलक दी है | 2014 में, गूगल
दुवारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपने पहले मत का अनुभव लोगो के साथ सजाह
किया है और उन्हें अपने मत का प्रोयोग करने के लिए प्रेरित भी किया |
COMMENTS